Tuesday, 26 August 2014

हाथी और मैना की कहानी



एक मैना और एक हाथी एक गहरी दोस्ती का विकास किया. एक दिन हाथी ने कहा: "मेरे सारे जीवन, मैं उड़ना चाहता है. मैं हमेशा नदियों और जंगलों पर सरकना करने, गांवों में उड़ रहा है और घरों और नीचे के लोगों को आसमान से देखने का सपना देखा है. मैं उड़ सकता है???

"हाँ, आप कर सकते हैं," मैना ने कहा. उसकी चोंच का उपयोग कर, उसे पूंछ से वह एक पंख खींच लिया. उसने कहा, "" यह लो "यह पंख ले और अपने मुंह में मजबूती से पकड़. अब, अपने कान फ्लैप के लिए प्रयास करें. तुम उड़ जाएगा .
हाथी अपने ही मुंह में पंख डाल दिया. वह अपने कान फड़फड़ाते, और वह उड़ान शुरू कर दिया. 

उन्होंने गांवों के ऊपर उड़ान भरी. 
  वह नीचे लोगों को देखा. वह नदियों के ऊपर उड़ान भरी. 
उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन में कभी नहीं देखीं चीजों को देखा. 

वह पृथ्वी पर वापस उड़ गया, जब वह अपने दोस्त से मिलने के लिए दौड़ा. 
अपने ट्रंक के साथ, वह ध्यान से उसके पंख की रक्षा की. 

  "मैना, तुम मेरे जीवन को बदल दिया है", उन्होंने कहा. "मैं वास्तव में इस पंख के लिए आपको बहुत धन्यवाद करना चाहते हैं". 

"यह पंख?" मैना ने कहा. "इसे बिल्कुल जरूरत नहीं है !. यह बेकार था. मैं आप अपने आप में विश्वास बनाना चाहते थे. सब कुछ आपके विश्वास और अपनी मेहनत थी. पंख कुछ नहीं किया! "


क्या सीखा
एक नेता दूसरे व्यक्ति को अपनी पूरी क्षमता का एहसास बना देता है.
एक अनुयायी पूरी तरह से अपने नेता के प्रत्येक और हर अनुदेश का पालन करता है .
मनुष्य अपने विचारों से अपंग है. अपने आप में विश्वास करो, और कुछ भी असंभव नहीं है.




Wednesday, 20 August 2014

सोचा , बेचा , सीखा ( Think , Sell & learn )

महा मंडी - एक अद्भुत अनुभव 


हिंदी पिक्चर राकेट सिंह में एक डायलाग है - क्या तुम यह पेंसिल बेच सकते हो  ? कुछ ऐसी ही घंटा मेरे साथ भी घटित हुई - जब मेरे प्रोफेसर ड्र. मंडी ने हमें एक दिन के लिए मुंबई की गलियों में खिलौने बेचने के लिए छोङ दिया। छोङ तारीख थी ९ अगस्त २०१४ , और यह ब्लॉग उसी दिन की एक झलक है ..


क्या सोचा ?

हमारी टीम में 3 लड़के और 3 लड़कियां थी. प्लान बनाया की 2 लड़कियां और  2 लड़के बच्चों और परिवारों को सामान बेचेंगे, और बाकी बचे हुये लोग रसीद औऱ पैसे संभालेंगे. मन में विश्वास और दिल में हौसला लेकर, हम लोग जुहू समुद्र तट की ओर निकल पङे




क्या बेचा ?

हमारे पास  5 खिलौने थे  :
१ जोङो  ज्ञान :
2 जोङो ब्लॉक
३ रंगोमिट्री
४ तनग्रम 
५ नंबर बैलेंस 

छोटी उम्र के बच्चों को गणित और आकार सीखने में मुश्किल होती है।  यह खिलौने उनकी मदद करने  में सक्षम है।  और जानकारी के लिये यहाँ देखें :


क्या सीखा ?


१ दुनिया का सबसे मुश्किल काम है - किसी की जेब से पैसा निकलना।  पसीना निकल गया , पर ३ घंटे में सिर्फ ३ खिलौने बेच पाये
२ कभी ग्राहक  को झूठ मत बोलो , पकड़े गए तो विश्वास टूट जायेगा . 
३ ग्राहक से पैसे लेने नहीं , दोस्ती करने जाओ।  अगर वह तुम्हे पसंद करेगा , अपने आप पैसे मिल जाएंगे।  अगर हम बोलते थे की आप हमारे खिलौने खरीद लीजिये , सब भाग जाते। हमने प्लान बदल दिया , और बोलना शुरू कर दिया  - क्या आप २ मिनट हमे देंगे ? आपको कुछ नहीं बेचना , सिर्फ कुछ बताना है .
४ जो लोग सड़क पर सामान बेचते हैं , उनसे बड़ा M.B.A टीचर आपको कहीं नहीं मिलेगा। आपका ध्यान खीचना , आपको बातों में लगाना , आपसे पैसे कमाना , उनके लिए मामूली बात है 
६ अलग अलग तरह के लोगों से अलग अलग तरह बात करना चाहिए।  अगर कोई बात नही सुन रहा , तो विनम्रता से सिर्फ २ मिनट मांगें।  अगर कोई मूल भाव कर रहा है , तो उसको बताओ की यह खिलौने N.G.O ने बनाये हैं , हमारा कोई फायदा नहीं है . कोई भी ग्राहक कुछ ना कुछ  ढूंढ रहा होता  है , वो  क्या है , यह  जानना हमारा काम है 


आशा करता हूँ आपको मेरा ब्लॉग पसंद आया होगा।  अगर नहीं भी आया , तो कृपया नीचे अपना कीमती कमेंट ज़रूर छोड़ के जाएं।  जाते जाते , एक छोटी सी पेशकश , N.I.T.I.E के स्टूडेंट्स ke द्वारा , आपकी खिदमत में :